स्वर्ग के बारे में अक्सर आप अपने बड़ों या किताबों से सुना होगा और बहुत सारी फिल्मों में भी स्वर्ग को दिखाया जाता है तो आइए दोस्तों In Hindi में जानते हैं Swarg Kise Kahate और Kitne Hote Hain या स्वर्ग Swarg Ki Paribhasha क्या है?
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स्वर्ग किसे कहते हैं?
इस संसार में मुख्य रूप से तीन लोगों का वर्णन किया गया है स्वर्ग लोक, मृत्यु लोक अथवा पृथ्वीलोक तथा पाताल लोक।
हमारे हिसाब से स्वर्ग लोक वह लोक होता है जहां पर देवता निवास करते हैं जहां पर विभिन्न प्रकार के सुख समृद्धि अमृत तथा मृत्यु का नामोनिशान नहीं होता है, वहां पर हम देवताओं के साथ विचरण करते हैं तथा धार्मिक कार्य करते हुए अपना जीवन व्यतीत करते हैं किंतु यह हमारी मान्यताएं हैं।
लेकिन हम अपने वास्तविक जीवन में अगर देखें तो एक खुशहाल परिवार भी स्वर्ग का रूप हो सकता है। आइए हम अलग-अलग विद्वानों के विचारों को जानते हैं कि उनके नजर में Swarg Ki Paribhasha है।
विद्वानों के नजर से स्वर्ग किसे कहते हैं
श्रीमद भगवत गीता के 9/20 श्लोक में कहां गया है तीनों वेदों के ज्ञाता सोमरस पीने वाले पाप रहित पुरुष यज्ञों द्वारा मुझे पुष्कर स्वर्ग लोक को पाने की कामना करते हैं वह अपने पुण्य फल से स्वर्ग लोक पाकर बहुत देवताओं के दिव्य सुख को भोगते हैं।
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बाइबल के अनुसार जब एक पापी मसीहा के पास आता है तो स्वर्ग दूत स्वर्ग में आनंदित होते हैं।
विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति जीवन भर आदर्शों और नीति की राह पर चलता है वह व्यक्ति मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक को जाता है ऐसा व्यक्ति परम ज्ञानी होता है।
डॉन पाइपर के अनुसार स्वर्ग एक वास्तविक स्थान है जितना अधिक हम इसके बारे में जानते हैं उतना ही हमें इसकी आशा करनी चाहिए जैसा कि मैंने अक्सर सुझाव दिया है स्वर्ग तैयार लोगों के लिए एक तैयार जगह है।
प्रशांत त्रिपाठी के अनुसार स्वर्ग और नरक कहीं बाहर या भविष्य में नहीं है मन का गन्दा होना ही नर्क है मन का निर्मल रहना ही स्वर्ग है।
फिलिप्स ब्रुक्स के अनुसार स्वर्ग व आत्मा है जो ईश्वर में अपना पूर्ण व्यक्तित्व खोजती है।
ओशो के अनुसार एक में होना ही स्वर्ग में होना है 2 में हो जाना ही नर्क में हो जाना है संसार और परमात्मा को दो तरह से मत सोचो सरसठ और सृष्टि को दो में मत बांटो सरसठ और सृष्टि एक ही घटना के 2 नाम हैं परमात्मा ने संसार बनाया ऐसा मत कहो परमात्मा संसार बना ऐसा कहो।
स्वर्ग कितने प्रकार होते हैं
स्वर्ग को हम लोग दो भागों में बांट सकते हैं जैसा कि हम महसूस करते हैं।
- दिव्य स्वर्ग
- मनुष्य द्वारा धरती पर निर्मित स्वर्ग
दिव्य स्वर्ग किसे कहते हैं
धर्मों एवं शास्त्रों के अनुसार जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसे नर्क या स्वर्ग नसीब होता है जो उसके कर्मों के ऊपर निर्भर होते हैं मृत्यु के बाद जिस स्वर्ग की प्राप्ति होती है उसे ही दिव्य स्वर्ग कहते हैं।
मनुष्य द्वारा धरती पर निर्मित स्वर्ग किसे कहते हैं
मनुष्य द्वारा धरती पर निर्मित स्वर्ग या कोई स्वर्ग नहीं यह एक स्थान होता है जो मनुष्यों द्वारा विभिन्न प्रकार से सजाया जाता है उसे ही हम मनुष्य द्वारा पृथ्वी पर निर्मित स्वर्ग कहते हैं।
निष्कर्ष
स्वर्ग तीनों लोग की सबसे अच्छी जगह है Swarg में आपको भगवान की प्राप्ति होती है इसलिए आप अपने अच्छे कर्मों से स्वर्ग को प्राप्त कर सकते हैं।