कई सारे लेखों में दारिस का उल्लेख किया जाता है इसलिए प्रतियोगी परीक्षा में भी इस से प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे दारिस क्या है और इसका उपयोग कहां होता है? आइए विस्तार से जानते हैं।
दारिस एक प्राचीन घटना से अपना संबंध रखता है जिसका उपयोग कई सारे लेख और कार्यों में किया जाता है।
आइए जानते हैं दारिस क्या है और इसे क्यों बनाया गया तथा इसका इस्तेमाल किस लिए होता है।
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दारिस क्या है?
दारिस एक प्राचीन उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध सोने का सिक्का है जिसे फारस के राजा द्वारा बनवाया गया था जिसका वजन 8.4 ग्राम है इसकी व्यास कम है लेकिन इसकी मोटाई अधिक है इसकी वजन प्राचीन वजन मानक पर आधारित है।
वर्तमान में दारिस का कोई शिलालेख नहीं है लेकिन दारिस सोने के सिक्के के अग्रभाग में फारस के राजा को धनुष लिए हुए दिखाया गया है।
जब सिकंदर महान ने फारसी राजा को हराकर पारस पर अपना कब्जा कर लिया था तब उसने दारिस के सिक्के के दोनों और प्रतिबिंब बनवाया जिसका अवशेष पंजाब में देखा गया है।
दारिस को बेबीलोनियाई शेकेल भी कहा जाता क्योंकि दारिस किसी पैदल सैनिक के 1 महीने के वेतन के बराबर था।
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दारिस मुद्राओं की एक नई अवधारणा थी क्योंकि प्राचीन काल में वस्तुओं के आदान-प्रदान से लेनदेन होता था तब मुद्राएं प्रचलित नहीं थी और इसलिए दारिस मुद्राओं के रूप में उपयोग किए जाने वाले कुछ सीखो में से एक था।
दारिस किसे कहते हैं?
प्राचीन फारसी राजा ने अपने राज्य के लिए सोने के सिक्के का निर्माण करवाया जिसके ऊपर उसकी धनुष ली हुई तस्वीर बनाई गई इसलिए इसे दारिस कहते हैं।
दारिस की कीमत बहुत अधिक है क्योंकि यह शुद्ध सोने का सिक्का है और प्राचीन होने की वजह से इसकी गुणवत्ता का कोई मोल नहीं है।
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यह एक सफल मुद्रा बन गई क्योंकि प्राचीन समय में मुद्रा जैसी कोई अवधारणा नहीं हुआ करती थी लेकिन दारिस का अवशेष हमें अफगानिस्तान से लेकर सिसली तक देखने को मिलता है।
दारिस के तथ्य क्या है?
इस सिक्के के कई तथ्य पाए गए हैं जो आप निम्नलिखित रुप से नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से पढ़ सकते हैं:
- इसे 5 ईसा पूर्व पारस की राजा द्वारा बनाया गया था।
- यह एक प्राचीन शुद्ध सोने का सिक्का है।
- इसके अग्र भाग में धनुष, बाण और खंजर लिए राजा का तस्वीर बनाया गया है।
- कुछ लोगों का मानना है कि दारिस के ऊपर बनाया गया तस्वीर फारसी सेना के पराक्रम को दर्शाता है।
- यह व्यापार में उपयुक्त होने वाले प्रथम सिक्कों में से एक है।
- इस सिक्के के ऊपर तस्वीर के साथ एक क्रॉस भी बनाई जाती थी जिसे संदेश भेजने के लिए उपयोग किया जाता था।
- वर्तमान में दारिस सोने के सिक्के की कीमत लगभग 30,000 से 40000 हो सकती है।
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दारिस का उपयोग कब और कहां होता था?
जब इस सिक्के को बनाया गया तब मुद्राओं की अवधारणा नहीं थी अतः इसलिए हम यह कह सकते हैं कि यह व्यापार के लिए इस्तेमाल नहीं होती थी।
इसका मुख्य उद्देश सेना के पराक्रम और राजा की गुणवत्ता दिखाने के लिए बनाया गया होगा लेकिन यह पूरा सच नहीं है, इस सिक्के के ऊपर बनाया गया क्रॉस सिक्के द्वारा संदेश भेजने की प्रक्रिया को भी दिखाता है।
बाद में दारिस सोने के सिक्के काफी प्रचलित हो गए और इसका इस्तेमाल मुद्राओं के रूप में होने लगा और प्राचीन समय में व्यापार में उपयोग होने वाले कुछ सिक्कों में दारिस का नाम शामिल हो गया।
प्रश्न और उत्तर
यह एक शुद्ध सोने का सिक्का है जिसे फारस के राजा द्वारा बनवाया गया था इसकी व्यास थोड़ी कम है लेकिन इसकी मोटाई व्यास की तुलना में अधिक है।
इसे 5 ईसा पूर्व पारस के राजा द्वारा बनवाया गया था।
वर्तमान में दारिस की कीमत 30 से ₹40000 तक हो सकती है या उसके समय और मांग पर निर्भर करता है।
नहीं, इसकी पुख्ता सबूत अभी तक नहीं मिला है लेकिन जब इस सिक्के को बनाया गया तब मुद्राओं की अवधारणा उतनी प्रचलित नहीं थी इसलिए यह भी हो सकता है कि यही प्रथम सिक्का हो जो व्यापार के लिए उपयोग किया जा रहा हो।
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निष्कर्ष
प्राचीन समय में दारिस एक महत्वपूर्ण सिक्का हुआ करता था इसलिए हम कर सकते हैं किया मानव विकास के लिए एक क्रांतिकारी वस्तु थी।
आशा करता हूं आपको दारिस के ऊपर सभी प्रकार की जानकारियां मिल गई होगी जैसे दारिस क्या है और इसका उपयोग कहां होता था तथा इसे कब बनाया गया?
इसके अतिरिक्त दारिस से जुड़ी हुई कोई भी प्रश्न आपके मन में हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।
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