जिस प्रकार भगवन विष्णु की आराधना एकादशी को होता है उसी प्रकार साई बाबा को पूजने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं है पर बहुत से भक्त बृहष्पतिवार और रविवार को साई बाबा की पूजा करते हैं और Sai Baba Ke 11 Vachan का अनुसरण करते हैं।
माना जाता है जो कोई भी भक्त सच्चे मन से साईं बाबा का नाम लेता है, उसकी साड़ी समस्याएं दूर हो जाती है और कोई भी मुश्किल का समाधान हो जाता है। साईं बाबा अपने भक्तों के दुख दर्द को तुरंत दूर कर देते हैं।
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साईं बाबा अपने भक्तों के जीवन में सभी समस्याओं का निवारण कर देते हैं। जो कोई भी साईं बाबा की शरण में गया है वह कभी भी दुखी नहीं लौटा है। बाबा को याद करने से सारी समस्याएं पल भर में दूर हो जाती है बाबा की महिमा अपरंपार है।
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Sai Baba Ke 11 Vachan Hindi
वैसे तो साईं बाबा की पूजा करने का कोई विधिवत तरीका नहीं है लेकिन साईं बाबा के द्वारा दिए गए Gyarah अनमोल Vachan ही उनके भक्तों एवं श्रद्धालुओं के लिए अमूल्य है।
बहुत से लोग कहते हैं कि साईं बाबा के 11 वचन को जीवन में उतार लेने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है, एवं उनके जीवन में कभी कष्टों का आगमन नहीं होता उन्हें हर जगह सफलताएं प्राप्त होती है।
तो आइए दोस्तों जानते हैं साईं बाबा के 11 वचन कौन-कौन से हैं ?
“जो शिरडी में आयेगा, आपद दूर भगाएगा”
साईं बाबा का प्रसिद्ध मंदिर शिरडी एवं उनका मुख्य स्थान भी शिर्डी में है। इसलिए साईं बाबा इस वचन में कहते हैं सिर्फ शिर्डी आने मात्र से ही उनके सभी भक्तों का दुख दूर हो जाता है एवं उनके जीवन में कोई भी समस्याएं नहीं रहती है।
“चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर”
यदि आपके मन में साईं बाबा के प्रति श्रद्धा भावना है तो शिरडी के समाधि वाले शिरडी पर पैर रखते ही आपके सारे दुखों का निवारण हो जाएगा एवं कोई भी समस्या आपको पीछे मुड़कर नहीं देखेगी।
“त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ आऊंगा”
साईं बाबा कहते हैं भले ही मैं अपने शरीर में रहूं या ना रहूं पर जब मेरे भक्त मुझे श्रद्धा से पुकारेंगे मैं दौड़ते हुए अपने भक्तों की मदद के लिए आ जाऊंगा।
“मन में रखना पूरण विश्वास, करे समाधि पूरी आस”
साईं बाबा कहते हैं कि कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि मैं ना रहूं तो मेरे भक्तों का विश्वास कम होने लगे और अकेलापन महसूस करने लगे। लेकिन भक्तों को विश्वास रखना होगा कि समाधि से की गई भक्तों की सारी प्रार्थना साईं बाबा पूरी करेंगे
“मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो”
बाबा इसमें कहते हैं कि मैं केवल शरीर नहीं हूं इसलिए हमेशा इस ब्रह्मांड में जीवित रहूंगा और यदि मुझे कोई श्रद्धा भाव से याद करें तो वह भक्त मुझे अनुभव कर सकता है।
“मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए”
जो कोई भी भक्त श्रद्धा एवं भक्ति पूर्वक मेरे शरण मैं आता है उसकी हर मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूर्ण होती है
“जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप रहा मेरे मन का”
साईं बाबा के इस सातवें वचन मैं साईं बाबा यह कहते हैं कि जो कोई भी मानव मुझे जिस भाव से देखता और अनुभव करता है उसे मैं वैसा ही दिखता हूं। और साथ ही वे जिस भाव से मेरी कामना करते हैं मैं उसी भाव से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करता हूं।
“भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन ना मेरा झूठा होगा”
जो भक्त पूर्ण रूप से साईं बाबा को समर्पित होगा उस वक्त के जीवन में आई सभी समस्याओं का भार साईं बाबा खुद अपने कंधे पर ले लेंगे यानी उस वक्त की सारी समस्याओं का समाधान करेंगे
“आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वह नहीं है दूर”
जो भक्त श्रद्धा भक्ति भाव से साईं बाबा से मदद की गुहार लगा रहे हैं उनके दुख दर्द अब अधिक दिनों तक नहीं रहेंगे क्योंकि श्रद्धा भक्ति भाव से किए गए प्रार्थना को साईं बाबा तुरंत स्वीकार कर लेते हैं और भक्तों की सारी समस्याएं दूर कर देते हैं।
“मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण ना कभी चुकाया”
साईं बाबा कहते हैं जो भक्त सच्चे मन क्रम वचन से मुझ में लीन रहते हैं मैं उसका सदा ऋणी रहता हूं और उस वक्त के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का भार मुझ पर होता है।
“धन्य धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे ना अन्य”
बाबा कहते हैं कि वह वक्त धन्य है जो मेरी भक्ति अनन्य भाव से करता है एवं उस में लीन रहता है, और वह मेरे लिए अत्यंत प्रिय होता है।
-: सन्दर्भ :-
इस सारे वचनों को पढ़ने के बाद आप साईं बाबा को श्रद्धा पूर्वक दिल से याद करें एवं उनका नाम ले साईं बाबा की कृपा आपको अवश्य मिलेगी।
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शिरडी वाले साईं बाबा की जय ।
प्रश्न और उत्तर
“जो शिरडी में आयेगा, आपद दूर भगाएगा”
“चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर”
“त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ आऊंगा”
“मन में रखना पूरण विश्वास, करे समाधि पूरी आस”
“मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो”
“मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए”
“जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप रहा मेरे मन का”
“भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन ना मेरा झूठा होगा”
“आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वह नहीं है दूर”
“मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण ना कभी चुकाया”
“धन्य धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे ना अन्य”
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निष्कर्ष : Sai Baba ke 11 Vachan
साईं बाबा को एक चमत्कारी पुरुष एवं भगवान का स्वरूप माना गया है इन्होंने हमेशा ईश्वर एक है इस पर जोड़ दिया है।
और Sai Baba Ke 11 Vachan का पालन करने से उनके भक्तों की सारी समस्याएं दूर हो जाती है, साईं बाबा के बारे में कोई नहीं जानता कि उनके मां बाप कौन थे? और उनकी जन्म कहां हुई। वह मनुष्य रूपी भगवान थे उन्होंने कभी भी पृथ्वी के संसाधनों का उपयोग नहीं किया हमेशा मानव जीवन के कल्याण हेतु भटकते रहे। बाद में वह पृथ्वीलोक छोड़कर स्वर्ग की ओर लौट गए।
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