दोस्तों आज हम लोग पढ़ने वाले हैं वचन किसे कहते हैं और हम किस प्रकार से एकवचन को बहुवचन और बहुवचन को एक वचन में बदल सकते हैं।
हिंदी व्याकरण में वचन एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसका ज्ञान आपको होना चाहिए। यदि आपका वचन को अच्छी तरह से सीख लेते हैं, तो आपकी हिंदी और शुद्ध हो जाएगी।
इस लेख के माध्यम से हम वचन के बारे में सारी बात जानेंगे जैसे वचन की परिभाषा, वचन कितने प्रकार के होते हैं, एकवचन और बहुवचन क्या है और वचनों को कैसे बदला जाता है।
विषय सूची
वचन किसे कहते हैं?
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे वचन कहते है।
किसी भी वाक्य में जब संख्या का बोध होता है तो हमें चीजों की संख्या का पता चलता है एवं इसी संख्या बोध को हम वचन कहते हैं।
जैसे: हम लोग यहीं पर हैं, यहां “ हम लोग” व्यक्ति की संख्या को दर्शाता है।
वचन कितने प्रकार के होते हैं?
वचन के प्रकार अंग्रेजी की तरह हिन्दी में भी वचन दो प्रकार के है।
- एकवचन
- बहुवचन
1. एकवचन किसे कहते हैं
विकारी शब्द में जिस रूप से एक पदार्थ अथवा व्यक्ति का बोध होता है, उसे एकवचन कहते है
जैसे लड़का, घोड़ा, बच्चा आदि।
2. बहुवचन किसे कहते हैं
शब्द के जिस रूप से एक से अधिक पदार्थों एवं व्यक्तियों का बोध होता है, बहुवचन कहते हैं।
जैसे लड़के, नदियाँ, घोड़े आदि ।
वचन की पहचान कैसे करें?
1. वचन की पहचान संज्ञा या सर्वनाम शब्द से ही हो जाती है, जैसे
एकवचन | बहुवचन |
(i) गाय भूसा खा रही है | (i) गाये भूसा खा रही है। |
(ii) मै अनार खा रहा हूँ । | (ii) हम अनार खा रहे हैं। |
(iii) वह आंगनवाड़ी जा रहा है। | (iii) वे आंगनवाड़ी जा रहे है । |
2. वचन की पहचान संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द से न हो सके तो क्रिया से हो जाती है।
जैसे:-
एकवचन | बहुवचन |
(i) कोयल नाच रहा है। | (i) कोयल नाच रहे हैं। |
(ii) मेहमान सो रहा है। | (ii) मेहमान सो रहे है। |
(iii) लोमड़ी भाग रहा है। | (ii) लोमड़ी भाग रहे हैं। |
एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
1. आदर के लिये भी बहुवचन का प्रयोग होता है।
जैसे- भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे।
2. बड़प्पन दर्शाने के लिये भी कुछ लोग ‘वह’ के स्थान पर वे और मैं के स्थान पर ‘हम’ का इस्तेमाल करते हैं।
जैसे “मालिक ने कर्मचारी से कहा “हम मीटिंग में जा रहे हैं।” “आज गुरुजी आये तो वे प्रसन्न दिखायी दे रहे थे।”
3. केश, रोग, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दान, होश, भाग्य आदि ऐसे शब्द हैं जिनका इस्तेमाल एकवचन में ही होता है।
जैसे:- तुम्हारे केश बड़े ही सुन्दर है। लोग कहते हैं।
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग :
1. ‘तू’ एक वचन है और उसका बहुवचन है ‘तुम’, किन्तु सभ्य लोग आजकल लोक व्यवहार में एकवचन लिये तुम का ही प्रयोग करते है।
जैसे-
(i) मित्र तुम कब आये ?
(ii) क्या तुमने खाना खा लिया ?
2. वर्ग, शब्द, दल, गण, जाति आदि शब्द अनेकता को प्रकट करने वाले हैं, किन्तु इनका व्यवहार एकवचन होता है।
जैसे-
(i) सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है।
(i) देखो,अध्यापकगण क्या कर रहे हैं ?
3.जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में भी किया जा सकता है ।
जैसे-
(1) सोना बहुमूल्य वस्तु है।
(i) वाराणसी का आम स्वादिष्ट होता है।
वचन का रूपान्तर किसे कहते हैं?
वचन के कारण सभी शब्दों-संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप विकृत होते है किन्तु ध्यान रखना चाहिए कि सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप मूलतः संज्ञाओं पर ही आश्रित होते हैं।
यहां वचन के अधीन संज्ञा शब्द दो प्रकार से परिवर्तित होते है
- विभक्ति रहित
- विभक्ति सहित
1. विभक्ति-रहित
विभक्ति-रहित वाक्य में कभी-कभी संज्ञाओं के बाद विभक्ति विद्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। कर्ता और कर्म में विशेष रूप से भी यह बात देखी जाती है, जैसे- बालक खेलते हैं, दस आम लाओ।
इन दोनों वाक्यों में तक के साथ कर्ता के ने चिह्न एवं आम के साथ कर्म के को चिह्न का इस्तेमाल नहीं हुआ है। संज्ञा के साथ जब चिह्नों का इस्तेमाल नहीं होता हैं, तब उसे हम विभक्ति रहित संज्ञा कहते है।
विभक्तिरहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने का नियम
1. कर्ताकारक में पुल्लिंग संज्ञा के आकारांत को एकारांत कर देने पर बहुवचन बनते हैं, जैसे
एकवचन | बहुवचन |
कपड़ा फटा | कपड़े फटे |
लड़का आया | लड़के आये |
कुछ ऐसी भी पुल्लिंग संज्ञाएँ हैं, जिनके रूप दोनों वचनों में एक से रहते हैं। ये कुछ शब्द सम्बन्धवाचक, संस्कृत के प्रकारांत और नकारांत है।
जैसे: मामा, नाना, दादा, दाता, पिता आदि।
- एकवचन- हरि तुम्हारे मामा है।
- बहुवचन – प्रेम और हरि तुम्हारे मामा है।
- एकवचन- किशोर एक योद्धा है।
- बहुवचन -लड़ाई में बड़े-बड़े योद्धा खेत रहे ।
2. विभक्ति सहित
विभक्ति सहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के लिए नियम
विभक्तियों से युक्त होने से शब्दों के बहुवचन का रूप बनाने में लिंग के कारण कोई परिवर्तन या व्यवधान नहीं होता है।
इसके कुछ नियम इस प्रकार है
1. अकारान्त, आकारान्त (संस्कृत शब्दों को छोड़कर) तथा एकारान्त संज्ञाओं पर बहुवचन बनाने में औ कर दिया जाता है।
जैसे:
एकवचन | बहुवचन |
लड़का | लड़के |
घोड़ा | घोड़े |
विभक्ति-चिह्न के साथ प्रयोग
लड़कों ने कहा।
घोड़ों को दौड़ाओ।
2. संस्कृत की आकारान्त तथा संस्कृत-हिन्दी की सभी उकारान्त, अकारान्त, ओकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन का रूप देने के लिये अंत में ‘ओ’ जोड़ना पड़ता है।
ऊकारांत शब्दों में ओं जोड़ने के पहले ऊ को उ कर दिया जाता है।
जैसे
एकवचन | बहुवचन |
साधू | साधुओं |
घर | घरों |
वधू | वधुओ |
विभक्ति-चिह्न के साथ प्रयोग
- यह साधुओं का समाज है।
- घरों में जाओ।
- वधुआं से पूछो।
3. सभी इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिये अंत में यों जोड़ा जाता है। इकरान्त शब्दों में यो जोड़ने के पहले ई का इ कर दिया जाता है।
जैसे:
एकवचन | बहुवचन |
मुनि | मुनि / मुनियो |
गली | गलियों |
विभक्ति-चिह्न के साथ प्रयोग
- मुनियों की यज्ञशाला।
- गलियों में गये।
वचन-सम्बन्धी ध्यान देने वाले विशेष निर्देश
- प्रत्येक तथा हर एक का प्रयोग सदा एकवचन में होता है। जैसे प्रत्येक व्यक्ति यही कहेंगा, हर एक कुआँ मीठे जल का नहीं होता।
- दूसरी भाषाओं के तत्सम या तद्भव शब्दों का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अनुसार होना चाहिए। जैसे दो फुट लम्बी दीवार है।
- भाववाचक और गुणवाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में होता है। जैसे मैं उनकी सज्जनता पर मुग्ध हूँ। लेकिन जहाँ संख्या या प्रकार का बोध हो, वहाँ गुणवाचक और भाववाचक संज्ञाएँ बहुवचन में भी प्रयुक्त हो सकती है। जैसे – इस ग्रन्थ की अनेक विशेषताएँ है।
- प्राण, लोग, दर्शन, अक्षत इत्यादि शब्दों का प्रयोग हिन्दी में बहुवचन में होता है। जैसे आप लोग आये दर्शन हुए।
- द्रव्यवाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में होता है। जैसे उनके पास बहुत सोना है, न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। लेकिन यदि द्रव्य के भिन्न-भिन्न प्रकारों का बोध हो तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयुक्त होता है। जैसे: यहाँ बहुत तरह के गहने मिलते है। चमेली, गुलाब इत्यादि के तेल अच्छे होते है ।
विभक्तिरहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम
विभक्तिरहित संज्ञाओं का बहुवचन साधारण निम्नलिखित नियमों के अन्तर्गत बनाया जाता है।
1. पुल्लिंग संज्ञा के आकारान्त को एकारान्त कर बहुवचन बनाया जाता है, यथा
एकवचन | बहुवचन |
लड़का | लड़के |
गधा | गधे |
अपवाद मामा, नाना, बाबा, पिता, योद्धा, युवा, आत्मा, देवता, जामाता इत्यादि शब्द इस नियम के अपवाद है। इनके रूप दोनों वचनों में एक समान होते है।
2. पुल्लिंग आकारान्त शब्दों के अतिरिक्त अन्य मात्राओं से अन्त होने वाले शब्दों के रूप दोनों वचनों में एक रहते हैं। जैसे
एकवचन | बहुवचन |
एक बालक | चार बालक |
एक भाई | चार भाई |
एक डाकू | चार डाकू |
एक जौ | चार जौ |
3. आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘ऐं’ जोड़ने से बहुवचन बनता है, जैसे
एकवचन | बहुवचन |
शाखा | शाखाएँ |
लता | लताएँ |
माता | माताएँ |
4. अकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा के बहुवचन शब्द में आगत अन्तिम ‘अ’ को ‘एँ कर देने से बनता है, यथा
एकवचन | बहुवचन |
गाय | गायें |
रात | रातें |
आँख | आंखे |
5. दीर्घ या ह्रस्व इकारान्त संज्ञाओं के ह्रस्व इकारान्त कर उनके अन्त में याँ जोड़ देने से बहुवचन बन जाता है, यथा
एकवचन | बहुवचन |
नारी | नारियाँ |
पहेली | पहेलियाँ |
6. जिन स्वीलिंग शब्दों के अन्त में ‘या’ आता है, उनमें ‘या’ के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाकर बहुवचन बनाया जाता है, यथा
एकवचन | बहुवचन |
बुढ़िया | बुढियाँ |
गुड़ियां | गुड़ियाँ |
7. हरव या दीर्घ उकारान्त स्वीलिंग संज्ञाओं को ह्रस्व उकारान्त बनाकर अन्त में ‘ऍ’ सम्पृक्त करने से बहुवचन का निर्माण होता है, यथा
एकवचन | बहुवचन |
वस्तु | वस्तुएँ |
ऋतु | ऋतुएं |
8. कुछ शब्द समष्टिसूचक होते हैं यथा गण, कुल, वृन्द, समूह, वर्ग, लोग, जन, मण्डल, दल मण्डली इत्यादि । इन शब्दों को संज्ञा शब्दों के साथ जोड़कर बहुवचन बनाया जाता है।
ये शब्द विशेषतः वह जाते है जहाँ दोनों वचनों में पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग में एक ही रूप होता है,
जैसे:
एकवचन | बहुवचन |
पाठक | पाठकगण |
आप | आपलोग |
तुम | तुमलोग |
छात्र | छात्रगण |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
निष्कर्ष
यदि आपको अपने हिंदी व्याकरण की स्तर को सुधारना है तो आपको वचन को अच्छे से पढ़ना चाहिए, क्योंकि हम कार्यक्षेत्र में प्रयोग किए जाने वाले वाक्यों में संख्या बोधक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
यदि हम यह जान लें कि वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं तो हम लोगों से कभी भी हिंदी व्याकरण संबंधित कोई त्रुटि नहीं होगी।
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1 thought on “वचन किसे कहते हैं? वचन कितने प्रकार के होते हैं, एकवचन और बहुवचन के उदाहरण”