बैल को संस्कृत में वृषभ कहते हैं लेकिन इसके अलावा भी बैल के कई और नाम भी है जिसका इस्तेमाल हम लोगों द्वारा किया जाता है इसलिए आइए जानते हैं बैल को संस्कृत में वृषभ के अलावा क्या कहते हैं?
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बैल एक शाकाहारी पशु है लेकिन शाकाहारी होने के बावजूद भी यह बहुत ही शक्तिशाली होते हैं इनके शक्तिशाली होने के कारण ही पुराने समय में किसान खेती के दौरान बैलों का इस्तेमाल किया करते थे।
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बैल को संस्कृत और अन्य भाषा में क्या कहते हैं?
बैल को संस्कृत में वृष, वृषभ, ऋषभ और वलीवर्द भी कहते हैं इसके अलावा बैल को शिवपुराण में नंदी भी कहते हैं ये भगवान शिव के वाहन के रूप में जाने जाते हैं तथा हिंदू धर्मों में बैलों को पूजा भी जाता है।
अन्य भाषाओं में बैल के नाम को कहते हैं:
भाषा | बैल के नाम |
संस्कृत | वृष, वृषभ, ऋषभ और वलीवर्द |
हिंदी | बैल , सांढ़ |
अंग्रेजी | बुल्स, ऑक्स |
बंगाली | बलदा |
तमिल | इरुतु |
पंजाबी | बलदा |
आपने अभी तक जाना बैल को संस्कृत में क्या कहते हैं और अन्य भाषाओं में बैल के नाम क्या है और बैल को क्या कहा जाता है।
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अब हम बैल के कुछ विशेषताओं के बारे में जानेंगे जिसका जानना आपके लिए जरूरी है इसमें बैल से जुड़े हुए सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया गया है।
बैल की विशेषता को क्या कहेंगे?
- बैल गाय की संतान है यह जब जन्म लेता है तब आकार में छोटा होता है।
- जन्म के कुल 5 वर्षों तक यह बछड़ा के रूप में रहता है।
- इसका मध्यम आकार का सिंह होता है तब इसे बैल कहा जाने लगता है।
- बैल मुख्य रूप से हरी घास, मकई आदि खाता है यह पूर्णता शाकाहारी पशु है।
- बैल मुख्य तौर से एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया मैं पाया जाता है।
- बैल आमतौर पर आज भी गांव में किसानों के पास देखे जाते हैं।
- इंसान के साथ रहने के कारण यह एक पालतू पशु के रूप में जाना जाता है।
- किसान बैल का इस्तेमाल खेत की जुताई में करते हैं।
- बैल का शरीर भारी भरकम होता है इसलिए यह गाड़ी खींचने का काम भी करती है।
बैल को ऑस्ट्रेलिया और भारत में को बुलॉक भी कहते हैं। स्पेन में वार्षिक रूप से बुलफाइट नाम का त्योहार मनाया जाता है। इस उत्सव में बैल को खुला छोड़ दिया जाता है और एक आदमी लाल रंग का कपड़ा लेकर उसके सामने खड़ा रहता है यह उत्सव काफी मजेदार होता है विश्व में या काफी प्रसिद्ध है।
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स्पेन ऑस्ट्रेलिया अमेरिका इंग्लैंड आदि कई देशों में बुल फाइट का आयोजन किया जाता है इसी तरह का त्योहार भारत के केरल में मनाया जाता है भारत में इस त्यौहार को जल्लीकट्टू कहते हैं।
बैल के बचपन को संस्कृत में क्या कहते हैं?
बैल के बचपन को संस्कृत में बछरू या बृषाब भी कहते हैं जो दिखने में वास्तविक रूप से बहुत सुन्दर होते हैं। समाज में इनका पालन पोषण पालतू पशु के रूप में होता है लेकिन बड़े होने पर इनका इस्तेमाल कृषि में किया जाता है।
यदि आप अपने गाओं में जाएंगे तो अभी भी आपको बैल देखने को मिल जाएगा और आप उनके सुंदरता को देख सकते हैं।
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पश्न और उतार
बैल को आदि संस्कृत में वृषभ कहते हैं जो हिंदी से भी पहले इस्तेमाल किया जाता था।
बैल की लड़ाई भारत में केरल में होती है जहाँ दो बैलो को आपस में लराया जाता है।
बैल को बांग्ला में बलाद कहते है इनका यही नाम पंजाब में भी उपयोग होता है।
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निष्कर्ष
बैल को संस्कृत में क्या कहते है यह जाने के साथ हमें इसके उपयोगता को समझना चाहिए और हिन्दू धर्म में बैल के महत्त्व अत्याधिक है।
हम आसा करते हैं आपको बैल को संस्कृत में क्या कहते हैं और बैल की विशेषता हिंदी और हिंदुस्तान में क्या है के ऊपर हमारी यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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बैल को संस्कृत आदि में क्या कहते हैं और बैल के बचपन के नाम को क्या कहेंगे से जुड़ी हुई कोई भी प्रश्न या सुझाव आपके मन में हो तो आप हमने निचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं हम उसका उतर आपको अवश्य देंगे।
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