दोस्तों यदि आप नहीं जानते कि Red Data Book Kya Hai और रेड डाटा बुक किससे संबंधित है तथा यह कब प्रकाशित हुई थी? तो यह जानकारी आपके लिए है।
रेड डाटा बुक को पहली बार 1948 में IUCN के द्वारा जारी की गई थी जो एक विश्व स्तरीय संगठन है।
IUCN का फुल फॉर्म International Union Of Conservation Nature है। आइए अब देखते हैं रेड डाटा बुक किसे कहते हैं या Red Data Book Kya Hai?
विषय सूची
रेड डाटा बुक क्या है? Red Data Book Kya Hai
रेड डाटा बुक एक सार्वजनिक दस्तावेज है जिसका इस्तेमाल लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों के पौधों, जानवरों, कवक के साथ-साथ कुछ स्थानीय उप-प्रजातियों के रिकॉर्ड रखने के लिए बनाया गया है जो किसी विशेष क्षेत्र में मौजूद हैं।
IUCN रेड डाटा बुक को समय-समय पर अपडेट किया जाता है और इसमें लुप्त हो गए प्रजातियों एवं कम बचे हुए जीवों की संख्या को लिखा जाता है।
रेड डाटा बुक को हिंदी में लाल सूची कहते हैं और इसे पहली बार 1948 में प्रकाशित किया गया था, जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में स्थित है।
शुरुआत में इसे रूस के जीव वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया था बाद में 1948 में इसे विश्व स्तरीय पर संगठन का रूप दे दिया गया।
यह भी पढ़ें: City का मतलब क्या होता है? सिटी और शहर में क्या अंतर है?
रेड डाटा बुक में संकटग्रस्त प्रजातियों की पूरी सूची है। इस दस्तावेज़ीकरण के पीछे मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रजातियों के अनुसंधान और विश्लेषण के लिए पूरी जानकारी प्रदान करना है।
रेड डाटा बुक के प्रकार एवं भाग
रेड डाटा बुक में पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जंतुओं एवं पौधों की प्रजातियां के नाम लिखे रहते हैं तथा इन प्रजातियों को पहली बार और अंतिम बार कब देखा गया है इसकी भी जानकारी लिखी हुई होती है।
रेड डाटा बुक को अलग-अलग जातियों एवं उनकी स्थितियों को रंगों के द्वारा सजाया गया है, जिन्हें कई प्रजातियों और उप-प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम के अनुसार व्यवस्थित किया गया है जो इस प्रकार से है।
- काला उन प्रजातियों को दर्शाता है जिनके विलुप्त होने की पुष्टि की जाती है।
- लाल लुप्तप्राय प्रजातियों को दर्शाता है
- एम्बर उन प्रजातियों के लिए जिनकी स्थिति कमजोर होती है
- जो दुर्लभ प्रजाति है उन्हें सफेद रंग से कोड किया जाता है।
- उन प्रजातियों के लिए हरा जो पहले लुप्तप्राय थीं, लेकिन उनकी संख्या थोड़ी बहुत ठीक होने लगी है।
- उन प्रजातियों के लिए ग्रे रंग जिन्हें संवेदनशील, लुप्तप्राय, या दुर्लभ के रूप में विभाजित किया गया है, और उनके लिए पर्याप्त रूप से डाटा मौजूद नहीं है।
यह भी पढ़ें: मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं का जवाब
रेड डाटा बुक के संस्करण
रेड डाटा बुक को अब तक 5 बार पेश किया गया है जो इस प्रकार से है।
- प्रथम रेड डाटा बुक : स्तनधारी प्राणी का एक ऐसा समूह है जो कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को दूध पिलाती है।
- दूसरी रेड डाटा बुक : पक्षी जगत का एक ऐसा समूह है जो कि हवा में उड़ सकती है।
- तीसरी रेड डाटा बुक : मरुस्थलीय उभयचर जो कि मरुस्थल में पाए जाते हैं जैसे कि रेगिस्तान इत्यादि।
- चौथी रेड डाटा बुक : इसमें उन जीव-जंतुओं को रखा गया है जो पानी में पाए जाते हैं।
- पाँचवी रेड डाटा बुक : पौधे को रखा गया है।
रेड डाटा बुक में विलुप्त होने वाले जीवों के नाम
पृथ्वी पर कई जीव जंतु मौजूद हैं इन सब का लेखा-जोखा रेड डाटा बुक में होता है विलुप्त हो जाने वाले जीवों को रेड डाटा बुक में विशेष रूप से लिखा जाता है।
यहां नीचे कुछ जीवों के नाम दिए गए हैं जो रेड डाटा बुक के अनुसार संसार से विलुप्त हो चुके हैं।
स्तनधारी प्राणियों में विलुप्त होने वाले के नाम
- कोंडाना रातो
- मालाबार सिवेट
- कश्मीर हिरन
लुप्त होने वाली मछलियों के नाम
- पूकोडे लेक बारबो
- गंगा नदी शार्क
- पांडिचेरी शार्क
गंभीर रूप से लुप्त होने वाले उभयचर प्राणी
- घड़ियाल
- सफेद धब्बेदार झाड़ी मेंढक
- टॉड की चमड़ी वाला मेंढक
यह भी पढ़ें: पुरातत्व से आप क्या समझते हैं? पुरातत्व और इतिहास के बीच संबंध और इसके महत्व
अब तक हमने पढ़ा Red Data Book Kya Hai और इसमें कौन-कौन से भाग और प्रकार शामिल है आइए अब हम देखते हैं, इसके लाभ और हानि क्या-क्या है?
रेड डाटा बुक के लाभ
- रेड डाटा बुक सभी जानवरों, पक्षियों और अन्य प्रजातियों को उनके संरक्षण की स्थिति के बारे में पहचानने में मदद करता है।
- इसका उपयोग किसी विशेष प्रकार के प्रजाति की जनसंख्या का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।
- लाल सूची या लाल किताब में उपलब्ध डेटा का उपयोग वैश्विक स्तर पर कर का मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है।
- रेड डाटा बुक की सहायता से हम विश्व स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का अनुमान लगा सकते हैं।
- लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है।
रेड डाटा बुक के नुकसान
- रेड डाटा बुक में उपलब्ध जानकारी अधूरी है। इस पुस्तक में लुप्त और विलुप्त दोनों प्रजातियों की कई प्रजातियों का अध्ययन पूरी तरह से नहीं किया गया है।
- लाल सूची किताब के डेटा के स्रोत का अनुमान लगाया गया है और विवादों में फंस गया है।
- यह पुस्तक सभी जानवरों, पौधों, अन्य प्रजातियों का पूरा रिकॉर्ड रखती है पर इसमें रोगाणुओं के बारे में कोई जानकारी पढ़ने को नहीं मिलता है।
यह भी पढ़ें: खाद्य संरक्षण क्या है? खाद्य संरक्षण की विधि और इसके लाभ और हानि
प्रश्न और उत्तर
रेड डेटा बुक, पौधों, जानवरों, कवक और कुछ स्थानीय प्रजातियों की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का दस्तावेजीकरण करने के लिए IUCN द्वारा स्थापित दस्तावेज है जो किसी राज्य या देश के भीतर मौजूद हैं।
ग्रीन डाटा बुक एक छोटी पॉकेट-आकार की किताब है जिसमें 200 से अधिक अर्थव्यवस्थाओं के पर्यावरणीय डेटा शामिल हैं। यह विश्व विकास संकेतकों पर आधारित है। कृषि, वानिकी, जैव विविधता, प्रदूषण और स्वच्छता प्रमुख संकेतक हैं।
कश्मीर हिरन, डॉल्फिन नदी, कोंडाना रातो, मालाबार सिवेट
रेड डाटा बुक अध्ययन और शोध के लिए विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए फायदेमंद है। यह दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों पर कार्यक्रमों की निगरानी में भी मदद करता है। इस प्रकार यह उन प्रजातियों की रक्षा करने में मदद करता है जो विलुप्त होने के कगार पर हैं।
संवेदनशील प्रजातियां वे हैं जिनके निकट भविष्य में लुप्तप्राय होने की संभावना है। भेद्यता मुख्य रूप से आवास के नुकसान के कारण होती है।
यह भी पढ़ें:-
- रात के आकाश में 10 सबसे चमकीले तारों का नाम
- भर्जन क्या होता है? भर्जन का उपयोग और इसके फायदे एवं नुकसान का क्या है?
- हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है
- भाषा किसे कहते हैं?
निष्कर्ष : Red Data Book Kya Hai
यह जानकारी पूर्णता Red Data Book Kya Hai और रेड डाटा बुक किसे कहते हैं इसके ऊपर आधारित था आशा करता हूं आपको हमारी रेड डाटा बुक 2022 की यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
रेड डाटा बुक जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है यह हमारी इको सिस्टम को समान रूप से बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
जानकारी अच्छी लगी हो तो आप निचे दिए गए फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करके जानकारी को शेयर करें।
इसी प्रकार की जानकारियों को रोजाना पढ़ने के लिए आप हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब भी कर सकते हैं।
3 thoughts on “Red Data Book क्या है? रेड डाटा बुक के फायदे एवं नुकसान क्या है?”