आज के इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे अंकीय विभाजन क्या होता है? (Ankiy Vibhajan Kya Hota Hai) और अंकीय विभाजन की शुरुआत कब हुई और आज के वर्तमान समय में इस की अवस्था क्या है?
आप में से कई लोगों से इस तरह के प्रश्न परीक्षाओं अथवा उनके दैनिक जीवन में पूछे गए होंगे। आज हम अंकीय विभाजन को विस्तृत रूप से समझेंगे।
अंकीय विभाजन किसी भी देश के विकास के लिए रास्ते का कांटा साबित हो सकता है इसलिए हम सभी को अंकीय विभाजन का प्रभाव क्या होता है इसे जानना तथा इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
विषय सूची
अंकीय विभाजन क्या होता है? (What Is Digital Divide)
अंकीय विभाजन समाज में स्थित दो क्षेत्रों के बीच की सामाजिक एवं आर्थिक असमानता होता है जिसमें किसी एक निश्चित क्षेत्र, जाति, समुदाय के पास सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा अच्छी इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है, इसके विपरीत किसी विशेष क्षेत्र में यह सारी सुविधाएं सुलभ तरीके से मिल जाती है।
यह विभाजन किसी भी क्षेत्र में हो सकता है जैसे प्राकृतिक, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, प्रशासनिक आदि क्योंकि यह सभी हमारे ज्ञान पर निर्भर करती है।
इस तरह का विभाजन एक बीमारी होती है जो किसी भी देश, क्षेत्र, शहर, समुदाय, जाति को अंदर ही अंदर खाती रहती है क्योंकि यह एक ही समाज में रहने वाले दो अलग-अलग लोगों के बीच आर्थिक असमानता पैदा करती है।
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अंकीय विभाजन का मतलब क्या होता है?
अंकीय विभाजन का सीधा मतलब यह होता है कि किसी दो अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले व्यक्ति के पास सूचनाओं की भिन्नता होती है जहां एक के पास हर छोटी बड़ी सूचनाएं पहुंचती है और दूसरे के पास कोई सूचना नहीं पहुंच पाती है।
इस दो अवस्था से आप अंकीय विभाजन को आसानी से समझ सकते हैं:
अवस्था 1 : यदि आपके पास कंप्यूटर है और उसमें अच्छी इंटरनेट की सुविधा मौजूद है तो आप विश्व में होने वाले सभी घटनाओं एवं अवसर पर अपनी नजर रख सकते हैं, जिससे आपकी ज्ञान में वृद्धि होगी और आप तेजी से विकास कर पाएंगे।
अवस्था 2 : दूसरी तरफ यदि आपके पास कंप्यूटर है और उसमें इंटरनेट की सुविधा मौजूद नहीं है तो आप विश्व में होने वाले सभी घटनाओं से अवगत नहीं हो पाएंगे, जिससे आपके ज्ञान में कमी आ सकती है और आपका विकास धीमी गति से होगा।
इन दोनों अवस्थाओं के बीच के अंतर को ही अंकीय विभाजन (Digital Divide) कहते हैं और यह दो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच हो सकती है।
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इसे और आसानी से समझने के लिए आप अमेरिका और भारत के बीच का अंकित विभाजन देख सकते हैं जहां अमेरिका के पास 6G तकनीक आने वाली है और भारत में अभी कहीं कहीं 3G कि नेटवर्क भी सही से नहीं आती है।
अंकीय विभाजन की शुरुआत कब हुई?
अंकीय विभाजन की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी जहां अमेरिका, ब्रिटेन जैसी देशों के पास कंप्यूटर जैसी आधुनिक उपकरण मौजूद थी जिससे उनका विकास तेज गति से वह पाया और आज वह विकसित देशों में गिने जाते हैं।
1990 के दशक में कई ऐसे देश थे जो कंप्यूटर शब्द से भी अवगत नहीं थे जिस वजह से आज उन देशों को विकासशील देश कहा जाता है क्योंकि वह अभी विकास कर ही रहे हैं।
यूरोपीय देशों में कंप्यूटर और भरोसेमंद इंटरनेट सेवाएं पहले से ही मौजूद थी और दूसरी तरफ एशियाई देशों में कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी इस वजह से दोनों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास दर में एक अंतर आने लगा जो अंकीय विभाजन के रूप में दर्शाया जाता है।
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वर्तमान में अंकीय विभाजन क्या होता है?
वर्तमान कह देने मात्र से दो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच अंकीय विभाजन खत्म नहीं हो जाता है क्योंकि भारत में अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां के लोग अंकीय विभाजन से ग्रसित हैं।
हालांकि, हमने 2016 से 2022 के बीच अंकीय विभाजन को बहुत कम किया है जैसे कि 2016 से पहले भारत में कई राज्य ऐसे थे जहां के लोग इंटरनेट से परिचित नहीं थे और जब 2016 में Jio आया उसके बाद उन लोगों के पास भी इंटरनेट पहुंचा और वह आज इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं और अपनी भावनाओं को इंटरनेट के माध्यम से व्यक्त भी कर रहे हैं।
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इंटरनेट से हमारे समाज के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान बहुत तेज गति से हो पाता है जिसके वजह से लोगों के शिक्षा के विकास में तेजी आती है और हमारा देश तेज गति से विकास कर पाता है।
यदि हमें आज के समय में अंकीय विभाजन को पूर्णता खत्म करना है तो हमें अपने देश के सभी क्षेत्रों तक अच्छी इंटरनेट की सुविधा और टेक्नोलॉजी के प्रति लोगों की जागरूकता को बढ़ाना होगा।
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प्रश्न और उत्तर
दो अलग-अलग क्षेत्र, समुदाय, जाति के लोगों के बीच सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की व्यवस्था के अंतर को ही अंकीय विभाजन करते हैं।
अंकीय विभाजन का प्रभाव नकारात्मक होता है, यह दो अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों के बीच आर्थिक एवं सामाजिक असमानता पैदा करती है।
अंकीय विभाजन 1990 के दशक में शुरू हुआ था जब कंप्यूटर मानव जाति के मध्य आया था।
अंकीय विभाजन का शिक्षा का संबंध विपरीत है जहां अंकीय विभाजन के बढ़ने पर शिक्षा की दर घटती है और अंकित विभाजन के घटने पर शिक्षा की दर बढ़ती है।
अंकीय विभाजन का मूल स्रोत इंटरनेट की उपस्थिति है क्योंकि इंटरनेट के बिना हम सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं कर सकते हैं।
अंकीय विभाजन 2 देशों के बीच, 2 जिलों के बीच, 2 छात्रों के बीच, 2 जातियों के बीच और एक विकासशील और विकसित देश के बीच हो सकती हैं।
हां, भारत में भी अंकीय विभाजन होता है जहां आप 2 राज्यों तथा 2 जिलों के बीच यह अंतर आसानी से देख सकते हैं जैसे बिहार के 2 जिले पटना और खगरिया के बीच बहुत बड़ी अंकीय विभाजन मौजूद है।
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निष्कर्ष
हमारे देश के लिए अंकीय विभाजन को कम करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह हमारे देश के विकास में रुकावट पैदा कर सकती है, इसके लिए हमें देश के हर क्षेत्र में डिजिटल डिवाइस और अच्छे इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने पड़ेगी।
हम आशा करते हैं आपको हमारी अंकीय विभाजन क्या होता है (Digital Divide In Hindi) और अंकीय विभाजन की शुरुआत कब हुई तथा हम इस से क्या समझते हैं? के ऊपर यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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इसके अलावा यदि आपके मन में अंकीय विभाजन से संबंधित कोई भी प्रश्न यह सुझाव हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं हम उसका उत्तर अवश्य देंगे।
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